शिक्षा मंत्री के नाम तहसीदार को शिक्षक भर्ती के अभ्यार्थीओं ने अपनी मांगों को लेकर सौंपा ज्ञापन।
कहा पुराने नियमों से हो भर्ती प्रक्रिया।
घुवारा । मप्र स्कूल शिक्षा विभाग में चल रही उच्यतर माध्यमिक शिक्षक एवं माध्यमिक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया वर्ष 2018 में नये नियमों को जोड़कर पात्र अभ्यार्थियों को अपात्र बताकर पूरी भर्ती प्रक्रिया से ही बाहर किये जाने की चर्चाएं सामने आ रही हैं।इसी क्रम में बुधबार को नगर घुवारा के अंतर्गत आने वाले पात्र अभ्यार्थियों में जमकर आक्रोश देखा गया।इन सभी अभ्यार्थियों ने सामूहिक रूप से मध्यप्रदेश शासन के शिक्षा मंत्री के नाम से एक ज्ञापन त्यार कर नगर के तहसील कार्यालय पहुँचे जहाँ पर नायाब तहसीलदार विजयकांत त्रिपाठी को ज्ञापन सौंपते हुए अपनी मांगों को शिक्षामंत्री तक पहुंचाए जाने का आह्वान किया।
शिक्षक भर्ती के इन अभ्यार्थियों द्वारा सौंपे गए ज्ञापन में साफ तौर पर लिखा गया है।कि म.प्र.शिक्षक भर्ती 2018 में अतिथि शिक्षकों के लिए 25 प्रतिशत आरक्षण दिया गया था।लेकिन अब आरक्षण प्राप्त उत्तीर्ण अभ्यार्थियों को दस्तावेज मिलान के दौरान शिक्षक भर्ती प्रक्रिया से यह कह कर बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है कि आपने शैक्षणिक सत्र में डिग्री हासिल की है।जबकि पुराने भर्ती नियमों में इसका कोई उल्लेख ही नहीं किया गया था।लेकिन शिक्षा विभाग ने अब ये नये नियम लागू कर दिए हैं।जो कि तर्क संगत नहीं हैं।जिसके चलते हजारों अभ्यार्थियों के भविष्य पर नियमों की तलबार लटकने से बेहद मानसिक तनाव में आ गए हैं।यदि अभ्यार्थी की एक ही सत्र में दो डिग्रियां हैं तो विभाग को यह करना चाहिए कि उसे अतिथि शिक्षकों के 25 प्रतिशत कोटे से हटाकर शेष 75 प्रतिशत पदों में सम्मिलित किया जाये और उसकी दूसरी लिस्ट बनाई जाये।साथ ही पूर्व में की गई शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में एक ही सत्र में एक नियमित तथा एक स्वाध्यायी डिग्रियों को मान्य किया जाता था।लेकिन अब क्यों नहीं? अतः इस शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में भी पुराने नियमों को लागू किया जाना चाहिए।साथ ही भर्ती प्रक्रिया को जल्द से जल्द पुनः आरम्भ किया जाना चाहिए।ज्ञापन सौंपते समय अभ्यार्थियों में प्रमुखरूप से राजेश सेन,निर्मल अहिरवार,पन्नालाल सेन,कमलेश सोनी,मुक्त कुमार कुजूर,राजेन्द्र सिंह के अलावा दर्जनों अभ्यार्थी मौजूद रहे।